EV Battery पर इंडस्ट्री को लगेगा झटका, GST में कटौती पर नहीं मिलेगी राहत; काउंसिल की बैठक के पहले आया अपडेट
देश में ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री की ओर से EV बैटरी पर लगने वाली जीएसटी को घटाने की मांग की जा रही है. लेकिन Fitment committee ने EV Battery पर जीएसटी कटौती की मांग को मानने से इनकार कर दिया है.
देश में ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री की ओर से EV बैटरी पर लगने वाली जीएसटी को घटाने की मांग की जा रही है. लेकिन Fitment committee ने EV Battery पर जीएसटी कटौती की मांग को मानने से इनकार कर दिया है. Fitment committee का कहना है कि लिथियम बैटरी का उपयोग मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भी होता है, ऐसे में EV बैटरी पर टैक्स कटौती नहीं की जा सकती है.
बता दें कि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन का वह हिस्सा है जो फिलहाल सबसे महंगे कंपोनेंट्स में से एक है. मौजूदा समय में लिथियम-आयन बैटरी पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि भारत में एक इलेक्ट्रिक वाहन की कुल लागत पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है. ऐसे में इंडस्ट्री की ओर से EV बैटरी पर टैक्स को 18 पर्सेंट से घटाकर 5 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई थी, फिटमेंट कमेटी ने इस सिफारिश को मानने से इनकार कर दिया है.
वहीं जीएसटी कौंसिल मेटल स्क्रैप पर रिवर्स मैकेनिज्म के ज़रिए टैक्स वसूलने के मुद्दे को फिलहाल टाल दिया है. कमेटी का मानना है कि जीएसटी वसूलने के लिए RCM सही तरीक़ा नहीं है. इसके लिए कोई और तरीका निकालना पड़ेगा. हालांकि अभी इस मामले में ऑफिसर कमिटी कि रिपोर्ट आना बाक़ी है. इसके बाद ही कोई फैसला हो पाएगा. माना जा रहा है कि जीएसटी कौंसिल रेलवे की सर्विस को फॉरवर्ड मैकेनिज्म से टैक्स वसूलने पर फ़ैसला संभव हो सकता है, जो अभी रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के ज़रिए जीएसटी वसूल किया जाता है.
TRENDING NOW
Gold-Silver Price Diwali: दिवाली पर सस्ता हुआ सोना, चांदी में भी आई गिरावट, यहां चेक करें लेटेस्ट रेट
1 नवंबर से बदल जाएंगे Credit Card के नियम: SBI और ICICI Bank ने किए नए बदलाव, जानिए आप पर क्या होने वाला है असर
BSNL का साथ देने आगे आई Tata Group की ये दिग्गज कंपनी, कर दिया ऐसा काम कि यूजर्स खुद बोलेंगे- थैंक्यू!
बता दें जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्राप्तकर्ता सप्लायर के बजाय टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है. टैक्स का भुगतान करने की जिम्मेदारी सप्लायर से प्राप्तकर्ता को जानबूझकर शिफ्ट कर दी जाती है. जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म शुरू करने के पीछे प्राथमिक उद्देश्य अनुपालन बढ़ाना था
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
08:15 AM IST